आहड़ सभ्यता का समय है-2000 ईसा पूर्व से 1200 ईसा पूर्व।
आहड़ सभ्यता के अन्य नाम है-आघाटपुर,ताम्रवती,धूलकोट और बनास संस्कृति।
इस स्थल की खोज 1953 में अक्षयकीर्ति व्यास ने की थी।
इस स्थल का उत्खनन कार्य रत्नचन्द्र अग्रवाल ने 1956 में किया।
आहड़ सभ्यता के मूल उत्खननकर्ता एच. डी. सांखलिया थे।
आहड़ सभ्यता को 'ताम्रपाषण कालीन सभ्यता भी कहते हैं,क्योकि यहां से ताँबे और पाषाण के उपकरण भी मिले हैं।
आहड़ सभ्यता मूलतः एक ग्रामीण संस्कृति थी।
यहाँ के निवासियों का मुख्य व्यवसाय था-कृषि और पशुपालन।
इस सभ्यता के लोग ताँबे के उपकरण भी बनाते थे।
यहाँ से एक मकान में 4-6 चूल्हे के प्रमाण मिले हैं,जिससे यह प्रतीत होता है कि आहड़ में संयुक्त परिवार प्रथा प्रचलित थी।
यहाँ से अनाज के रूप में गेंहूँ,ज्वार और चावल के प्रमाण मिले हैं।
यहाँ से मिट्टी के पके हुए कोठे (अनाज संग्रह पात्र ) भी मिले हैं।
आहड़ सभ्यता से प्राप्त बर्तनो का रंग लाल और काला होने के कारण इसे 'लाल और काले मृदभाण्ड वाली सभ्यता' भी कहते हैं।
यहाँ से बैल की मिट्टी की मूर्ति मिली है,जिसे बनासियन बुल भी कहते हैं।
आहड़ से यूनानी मुद्रायें मिली है,जो प्रथम से तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व की मानी जाती हैं।
आहड़ सभ्यता से प्राप्त कुछ प्रमुख साक्ष्य निम्न हैं- 1. नारी की मिट्टी की मूर्ति। 2. चूड़ियाँ। 3.छल्ले। 4. सलाइयां। 5.ताँबे के दीपक के अवशेष। 6. ताँबे की कुल्हाड़ी।
आहड़ सभ्यता से संबंधित कुछ प्रमुख स्थल निम्नलिखित हैं- 1. बालाथल- वल्लभनगर (उदयपुर ) 2.गिलूण्ड- राजसमन्द। 3.ओझियाणा- भीलवाड़ा।
उत्खनन सर्वप्रथम 1953- अक्षय कीर्ति व्यास के नेतृत्व में। खनन कार्य 1956 में रतन चंद्र अग्रवाल की देखरेख में इसके उपरांत डॉक्टर हेचडी साकरलिया डेक्कन कॉलेज प्राप्त द्वारा संग्रहालय राजस्थान मेलबर्न विश्वविद्यालय आस्ट्रेलिया के संयुक्त अभियान में वर्ष 1961-62 के दौरान स्थल का उत्खनन कार्य किया गया।
22 टिप्पणियाँ
Thanks for its
जवाब देंहटाएं1956
हटाएंGood knowldge
जवाब देंहटाएंGood knowldge
जवाब देंहटाएंअतिसुंदर वार्तालाप
जवाब देंहटाएंआयड सभ्यता का उत्खनन कब हुआ
जवाब देंहटाएं1956
हटाएं1556-1569
हटाएं1993ई
हटाएं1956 ratanchandr agrwal
हटाएंRatan chandra agarwal
हटाएंउत्खनन सर्वप्रथम 1953- अक्षय कीर्ति व्यास के नेतृत्व में।
हटाएंखनन कार्य 1956 में रतन चंद्र अग्रवाल की देखरेख में इसके उपरांत डॉक्टर हेचडी साकरलिया डेक्कन कॉलेज प्राप्त द्वारा संग्रहालय राजस्थान मेलबर्न विश्वविद्यालय आस्ट्रेलिया के संयुक्त अभियान में वर्ष 1961-62 के दौरान स्थल का उत्खनन कार्य किया गया।
1956
जवाब देंहटाएं1956
जवाब देंहटाएं1956
जवाब देंहटाएंGajab
जवाब देंहटाएंु
जवाब देंहटाएंAaayad ki khoj kB hui???
जवाब देंहटाएं1953 me
हटाएंThank you
जवाब देंहटाएंUhhh
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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