विश्व बैंक ने जलवायु के लिए 2021-25 के दौरान 200 अरब डॉलर और देने का वादा किया


  • विश्व बैंक ने 2021-25 के दौरान जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए 200 अरब डॉलर के निवेश की एक योजना घोषित की।
  • विश्व बैंक ने बयान में कहा कि इस 200 अरब डॉलर की राशि में से करीब 100 अरब डॉलर प्रत्यक्ष वित्त होगा। करीब एक-तिहाई वित्त पोषण विश्व बैंक समूह की एजेंसियों से और शेष निजी पूंजी होगी जो विश्व बैंक जुटाएगा।
  • ओईसीडी के सदस्य देशों के आंकड़ों के अनुसार विकसित देश जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने को विकासशील देशों में सार्वजनिक और निजी वार्षिक खर्च को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर पर लाने को प्रतिबद्ध हैं। यह आंकड़ा 2016 में 48.5 अरब डॉलर और 2017 में 56.7 अरब डॉलर था।
          क्यों बढ़ाई गई फंडिंग
  • जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया के तापमान में वृद्धि हो रही है। इसका असर सामान्य मौसम पर भी पड़ रहा है। इस समस्या से दुनिया के सभी देश चिंतित हैं। खासतौर पर छोटे और गरीब देश।
  • इसके अलावा ये देश विकसित और अमीर देशों पर भी दबाव डाल रहे हैं कि साल 2015 में पैरिस समझौते के दौरान हुए वादों को वह पूरा करें।
  • जलवायु परिवर्तन के घातक परिणाम का शिकार कोई एक नहीं बल्कि कई देश हो रहे हैं। दुनियाभर में समुद्र का जल स्तर बढ़ता जा रहा है।
  • इसके अलावा जंगलों में भी भीषण आग, लू और तूफान जैसी खबरें आ रही हैं। इन सबसे न केवल संपत्ति बल्कि जान माल को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है, जिसका सीधा प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था और विकास पर पड़ता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें